The Power of Positive Thinking - Hindi




The Power of Positive Thinking - Self Motivation and Self Confidence



सकारात्मक सोचने की शक्ति क्या है? हम कैसे अपनी सोच को सकारात्मक बना सकते हैं? और कैसे हम अपने पूरे दिन अपने मन को सकारात्मक सोचने की और लगा सकते हैं? 

        क्योंकि हमारा मन सारा दिन कुछ ना कुछ सोचने की और लगा ही रहता है। इसमें से अधिकतर विचार नकारात्मक और गलत ही होते हैं। तो कैसे हम अपनी नकारात्मक विचारों को सकारात्मकता में बदल सकते हैं और कैसे हम Power of Positive Thinking को जान सकते हैं।

         सकारात्मकता एक ऐसी कड़ी है जो हमारे विश्वास और परमेश्वर के ऊपर आज के जरिए हमारे मन के साथ जुड़ी होती है। एक सकारात्मक व्यक्ति सकारात्मक नतीजे ला सकता है और एक नकारात्मक व्यक्ति सकारात्मक नतीजे नहीं ला सकता।

         सकारात्मक सोचने की शक्ति हमारे मन को हर वक्त ही मोटिवेट करती है। और जब कहीं हम फेल भी हो जाएं या कहीं गिर जाए तो हमें बल और सहारा देती है।

         सबसे ज्यादा शक्ति सकारात्मकता में है। और सकारात्मक विचार हमारी पूरी जिंदगी को बदल सकते हैं। क्योंकि जब हमने अपनी जिंदगी में अपने करियर के लिए निर्णय लेने होते हैं। पर लेकिन तब अगर हम नकारात्मक सोच में फंस जाएं या डर जाए तो वह हमारा चुनाव गलत हो सकता है जो हम अपने करियर के लिए चुनते हैं।

         लेकिन अगर हम अपनी सोच को सही रखें और कहे कि मैं जो बनना चाहता हूं मैं जरूर बनूंगा। और मुझे मेरा कैरियर और मेरी किस्मत खुद बनाने में कोई नहीं रोक सकता। मैं अपने मन को सकारात्मक रखने की ओर ले जाता हूं तब लिया हुआ निर्णय आपकी जिंदगी में सफल हो सकता है और आप भी खुश रह सकते हो।

       नहीं तो अगर आपने किसी के दबाव में आकर या नकारात्मक सोच के दबाव में आकर गलत निर्णय ले लिया तो आपको आगे जाकर पछताना भी पड़ सकता है। 

        इसलिए सकारात्मकता में कोई डर का भाव नहीं होता। सकारात्मकता में और अच्छी सोच में प्यार और मोहब्बत होती है। अच्छा सोचने से अच्छा मिलता है और अच्छे ही रिश्ते बनते हैं।

        नकारात्मकता या बुरी सोच हमारे अंदर शक की भावना पैदा करती है। और हमारे विश्वास को गिरा देती है जिससे कि हम गलत निर्णय लेने पर मजबूर हो जाते हैं। और हम पाप में और अंधकार में फंस जाते हैं तब परमेश्वर हमसे दूर हो जाता है। 

       इसलिए सकारात्मकता का आया अच्छी सोच का हमारी जिंदगी में बहुत बड़ा हाथ होना चाहिए। हम आज इसी के बारे में जानेंगे और अपने मन को एक अच्छी दिशा में ले जाने की और हम इन बातों को जानेंगे जो आप आगे पढ़ रहे हो। 

         


1. मैं हार में विश्वास नहीं करता - I don't believe in defeat.



आपको अपने मन को ऐसा बनाना है, और अपने आप से कहो कि मैं हार में विश्वास नहीं रखता। मैं हमेशा जीत में विश्वास रखता हूं क्योंकि हम या तो जीतते हैं और या तो सीखते हैं लेकिन हारते कभी नहीं है। 

         अपने मन को पूरी तरह से साफ करो और अपने सोच को स्पष्ट रखो कि आप जो सोचना चाहते हो वह सोच पाओ बल्कि ऐसा ना हो कि जो आप काम नहीं करना चाह रहे थे या जो सोच आप नहीं सोचना चाहते थे वह सोचने पर या वह काम करने पर लगे हो क्योंकि वह काम आपके चेतन मन से नहीं बल्कि आपके अवचेतन मन से निकला है जो कि आपके लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है क्योंकि आपका अवचेतन मन नकारात्मक विचारों से बहुत ज्यादा प्रभावित होता है।

        जैसे एक साफ इंजन काफी ज्यादा शक्ति प्रदान करता है वैसे ही एक साफ मन बहुत ज्यादा शक्ति प्रदान करता। हमें अपने चेतन मन के प्रयास से अपने अवचेतन मन को साफ करना है। क्योंकि नकारात्मक सोच और कचरा हमारे चेतन मन में नहीं बल्कि अवचेतन मन में भंडार होता है।

         इसलिए हमें अपने अवचेतन मन को साफ करने की जरूरत है। अगर मैं आपसे कहूं कि उदाहरण के लिए मान लें कि आपके पास एक गिलास है जिसमें पानी भरा हुआ है और वह पानी गंदा है।

        और आप उस गिलास से साफ पानी को पीना चाहते हो क्योंकि आप गंदा पानी तो नहीं पी सकते ना, इसलिए आप कैसे उस गिलास से साफ पानी को जो आपक टंकी में भरा हुआ है
 कैसे पी सकते हैं। तो इसका आसान जवाब है कि हमें उस पानी को जो गंदा है और गिलास में है उसको फेंकना पड़ेगा और साफ पानी भर कर पीना पड़ेगा।

         बस इसी प्रकार हमारे अवचेतन मन अवचेतन मन की प्रक्रिया है। हमारे अवचेतन मन में बहुत सारे गलत और नकारात्मक विचार भरे पड़े हैं। जो कहीं से भी हमने स्वीकार कर लिए हैं चाहे हमारे अपने घर से, हमारे आसपास से, हमारी स्कूल कॉलेज से, यहां किसी ने हमें कुछ नकारात्मक विचार बोले हो तो वह हमारे अवचेतन मन पर बहुत बुरा प्रभाव डालते हैं और हमारे मन में बस जाते हैं।

         बस उसी तरह अगर आप सकारात्मक विचारों की शक्ति को जानना चाहती हैं और उसे आजमाना चाहते हैं। तो आपको भी उसी गिलास की तरह जिस में गंदा पानी भरा था वैसे ही अपने अवचेतन मन से इन गलत धारणाओं और नकारात्मक विचारों को फेंकना पड़ेगा तभी जाकर आप अच्छे विचार अपने मन में जमा कर सकते हो। और परमेश्वर के वचन को अपने मन में जमा करके उसके अनुसार चल सकते हो।

          क्योंकि परमेश्वर ने हमें कहा है कि तुम मेरी बातों को अपने मन की पट्टी पर लिख लो। तुम अपने मां-बाप की तालीम को मत भूलना। तुम मेरी आज्ञाओं का पालना करना। क्योंकि मैं ही तुम्हारा परमेश्वर हूं और मैं ही तुम्हें इस दुख भरे संसार से बचा सकता हूं। और सचमुच वह परमेश्वर ही है जो हमें सभी प्रकार के बुरे कामों से और गलत विचारों से बचा सकता है और हमारे मन को शुद्ध कर सकता है।

        हमेशा जीतने में विश्वास रखो कभी भी हारने में विश्वास मत रखो। ऐसा नहीं है कि आपकी जिंदगी में हारना नहीं आएगा। या फेल होना आपकी जिंदगी में नहीं आएगा। दुख मुसीबतें परेशानियां और हारना यह तो आम बातें हैं यह तो आपकी जिंदगी में आएंगे ही। लेकिन आप अगर इनसे हार गए तो आप असल में हार गए।

       आपको अपने आप को और अपने मन को जीतना है जब आप अपने मन को और अपने आप को जीत लोगे तो आप कितनी भी बड़ी मुश्किलें परेशानियों बीमारियों गरीबी हो और लाखों हारों का सामना कर सकते हैं।

         सकारात्मक सोच आपकी मन को कभी ना हारने वाले परिणाम देती है और आपके मन को ऐसा बनाती है कि आप जितनी बार भी गिरो उतनी बार दोबारा उठो।

        सकारात्मक सोच सकारात्मक नतीजे पैदा करती है और नकारात्मक सोच नकारात्मक नतीजे पैदा करती है। सकारात्मकता के भाव से अच्छी चीजें ही अपनी और आकर्षित होती हैं ना कि बुरी।

        हमें कभी भी हारने से डरना नहीं चाहिए बल्कि हार को अपनी जिंदगी का एक हिस्सा माना चाहिए। अगर आप गिर नहीं रहे हो या आप हार नहीं रहे हो तो समझ लो आप आगे भी नहीं बढ़ रहे हो। अगर आपकी जिंदगी में कोई मुश्किले बीमारियां या परेशानियां नहीं आ रहे हैं तो समझ लो कि आपका वाधा रुका हुआ है।

       इसलिए मुश्किल है परेशानियों को अपनी जिंदगी का एक हिस्सा ही मानो। और कभी भी हारने से डरो नहीं बल्कि हार का जीत के साथ सामना करो। असली जीत से तब नहीं होती जब आप आखिर में जीत जाते हो। असली जीत तब होती है जब आप हार के या गिर के दोबारा फिर उठते हो।

      इसलिए सकारात्मक शक्ति आपको ऐसा बना देती है कि वह आपके मन को पूरी तरह से बदल देती है और आपकी सोच को कभी ना हारने वाली सोच बना देती है।



2. चिंता करने की आदत को कैसे छोड़े? - how to stop worry habit?



चिंता हमारी सकारात्मक विचारों को खत्म कर देती है। सिर्फ एक विचार जो चिंता के बारे में है वह लाखों ही विचारों को खत्म कर देता है जो उम्मीद और विश्वास पैदा करते हैं।

        चिंता हमारे साथ जन्म से नहीं पैदा होती वह समय-समय पर जब हमारी जिंदगी में मुश्किलें आती हैं या हमें कोई कठिन निर्णय लेने होते हैं तब हम उस बात यहां चीज के बारे में चिंता करना शुरू कर देती हैं।

       चिंता हमारे मानसिक ताकत को और आत्मिक ताकत को कमजोर कर देती है। चिंता हमारे मन को भी कमजोर कर देती है और हमारी सोचने की शक्ति को भी कमजोर कर देती है जिससे कि हम अपने आप को कमजोर समझने लग जाते हैं और अपने ही आपको अपनी ही नजरों में बुरा महसूस करते हैं कि कहीं हम गलत तो नहीं है।

       चिंता को अपने दिमाग से निकाला जा सकता है। और हम सिर्फ परमेश्वर पर विश्वास कर सकते हैं कि हम परमेश्वर की मदद से अपने बुरे वक्त को या अपनी बुरी सोच को अच्छे समय में बदल सकते हैं। 

        हमारे लिए हर काम संभव हो सकता है इसलिए हमारे लिए यह भी संभव है कि हम चिंता करनी छोड़ कर यह सोचेगी इसका हल क्या हो सकता है। मतलब कि जिस चीज के बारे में आप चिंता कर रहे हो उसके बारे में चिंता को छोड़कर उसके हल के बारे में सोचो। कि कैसे और क्या करने से मैं इसको ठीक कर सकता हूं और मैं अपनी चिंता को दूर कर सकता हूं।

           क्योंकि चिंता करने से कोई इंसान अपनी उम्र को नहीं बढ़ा सकता। चिंता और उदासी हमें कमजोर और कमजोर बनाती है।

          खुश दिली दवा की तरह चंग करती है
 पर उदास आत्मा और उदास मन, चिंता करने वाला मन हड्डियों का नाश करता है। चिंता करने से हमारी हड्डियां कमजोर पड़ती है। हमारा आत्मविश्वास कमजोर पड़ जाता है लेकिन जो इंसान खुश रहता है। उसका दिल हमेशा खुश है वही इंसान अपने आप को और अपनी आत्मा को चंगा कर सकता है। - निती वचन 17: 21

        चिंता से छुटकारा पाने के लिए आपको अपने मन को खाली करना होगा। पर लेकिन आपको सिर्फ अपने मन को खाली करने से ही आजादी नहीं मिल जाएगी। आपको अपने खाली मन को विश्वास, उम्मीद और खुशी से भरना होगा। अपने आप को और अपने मन को खाली करो ताकि परमेश्वर अपने अच्छे वचनों को आपके मन में जमा कर सके।

        क्योंकि जब आप परमेश्वर के वचन को अपने खाली मन में जमा करोगे तब आप वचन के अनुसार जो परमेश्वर के निर्णय आपके लिए हैं, उनके अनुसार चल पाओगे और अपनी जिंदगी में हमेशा आगे बढ़ते रहो।

         हमेशा अपने आप को शांत रखें और अपने मन पर अपना पूरा नियंत्रण रखें। क्योंकि जो कोई इंसान अपनी कामनाओं को कंट्रोल में कर सकता है वह कुछ भी अपनी जिंदगी में कंट्रोल कर सकता है।

        हमेशा शांत रहने के लिए और अपने मन को शांति में रखने के लिए अपने मन को शांत करना सीखिए। परमेश्वर से प्रार्थना करना शुरू करें ताकि वह अपने मन को शांत करें। चिंता करना छोड़ दें ताकि आपका मन ज्यादा से ज्यादा शांत रह सके। क्योंकि जितना आपका मन शांत होगा आपके विचार और जिंदगी में आने वाले निर्णय उतने ही ताकतवर और भरोसेमंद होंगे।

        क्योंकि तब आप जो भी निर्णय या जो भी विचार आप अपने मन में लाओगे वह परमेश्वर से होगा क्योंकि आपके मन में परमेश्वर के विचार हैं। इसलिए हर रोज परमेश्वर से प्रार्थना करें ताकि वह आपके मन को शांत और शुद्ध करें।


3. व्यक्तिगत समस्याओं को हल करने की शक्ति - The power to solve personal problems.



बहुत सारी समस्याएं हमारी जिंदगी का हिस्सा होती हैं। कुछ समस्याएं व्यक्तिगत होती हैं और कुछ हमारे पूरे परिवार में आ जाती हैं। यह  हरेक साथ होता है। क्योंकि मुश्किलें हमारी जिंदगी का एक हिस्सा है लेकिन हमें इन मुश्किलों को देखकर चिंता ना घबराना नहीं चाहिए। 

         इन छोटी छोटी या बड़ी बड़ी समस्याओं को अपने लिए एक खूबसूरत अवसर मानें। क्योंकि हर मुश्किल हमें सिर्फ परेशान करने के लिए नहीं बल्कि हमें कुछ ना कुछ ऐसा देने के लिए आती हैं जो हमारे पास नहीं था।

      इसलिए हमेशा जब आप परेशानी हो या दुखों में हो तो हमेशा अपने साथ परमेश्वर को उपस्थित माने। आपका यह विश्वास होना चाहिए कि परमेश्वर हमेशा आपके साथ है चाहे वह सुख में हो या दुख में हो।

        इस तरह से आप अपनी व्यक्तिगत या पारिवारिक परेशानियों को दूर कर सकते हैं और यह आपको हमेशा सकारात्मक नतीजे दिखाएगा। सबसे जरूरी प्रार्थना करना शुरू करें ताकि परमेश्वर आपको सभी प्रकार की व्यक्तिगत और पारिवारिक परेशानियों और दुखों से निकाले और आप को आजाद करें।



4. अपने विश्वास से चंगाई को कैसे प्राप्त करें - How to use faith in Healing



आस्था और विश्वास हमारे अंदर एक सकारात्मक मोड ला सकते हैं। जिससे कि हमारा मन सकारात्मकता की ओर बढ़ेगा। और हमारा विश्वास ही या हमारी उम्मीद हमारी चंगाई का कारण बनती है जो हम परमेश्वर से प्राप्त करते हैं।

         क्योंकि परमेश्वर के लिए कोई सिफारिश काम नहीं करती उसके लिए आपका विश्वास, आपकी उम्मीद और आप क्या सोचते हैं और क्या सोच आप दूसरों के लिए रखते हैं। इसी से ही परमेश्वर निर्णय लेता है कि आपको चंगाई देनी है या नहीं।

       अगर आपके अंदर यह सकारात्मक चीजें नहीं है तो आपको चंगाई नहीं मिलेगी क्योंकि अभी आप इनके लिए तैयार नहीं हुए हो। यहां पर कुछ भी मुफ्त नहीं मिलता, सभी चीजों के लिए कुछ देना तो पड़ता ही है। इसीलिए ही हमें भी एक मजबूत और अटल विश्वास के साथ परमेश्वर से मांग रखनी पड़ेगी ताकि वह भी हमारी मांग को पूरा कर सके हमारे विश्वास के बदले में।

       अगर आप भी हमेशा डिप्रैस रहते हैं, या चिंता में रहते हैं और आपको कोई चंगाई की किरण नजर नहीं आती तो आप बाइबल पढ़ना शुरू करें। जिससे कि आपके मन की गहराइयों के बारे में आपको पता चलेगा। और आप सच को जान पाओगे।

       बाइबल में यीशु मसीह ने कहा है कि अपने पूरे दिल और जान से परमेश्वर की परस्तिष करो क्योंकि वही एक है हमें बचाने वाला उसके अलावा ना तो कोई है और ना ही कोई होगा।



5. अपने शांत मन की शक्ति को जानें - Know the power of peaceful mind



ज्यादा से ज्यादा अपने मन को शांत रखना सीखें। क्योंकि शांत मन के अंदर ही आप परमेश्वर की आवाज को सुन सकते हो। वह सभी रहस्य जो आपके मन को शांत करेंगे वह यही है कि आपको यह समझना और सीखना पड़ेगा कि कैसे आप अपने मन को शांत रख सकते हैं।

      अपने मन को शांत रखने और इसके बारे में ज्यादा जाने के लिए आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके Positive Affirmations भी पढ़ सकते हैं और अपने मन को शांत कर सकते हैं।

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अपने मन को और ज्यादा शांति में ले जाने के लिए सबसे पहले अपने शरीर को ढीला छोड़ दें। और फिर गहरी और लंबी सांस लेना शुरू करें। ध्यान के आसन में बैठे। ऐसा करके फिर अगले चरण में Positive Affirmations बोलना शुरू करें।

       दिन में जितनी बार भी आपको खाली समय मिले ज्यादा से ज्यादा बार अपने मन को साफ शुद्ध और शांत करने के लिए यह काम बार-बार करें और फिर परमेश्वर के बारे में सोचें मतलब कि अच्छे के बारे में सोचें।

       तह दिल से परमेश्वर का धन्यवाद करें कि उसने आपके मन को बदला और आपकी जिंदगी को बदला है। उसके बाद अपने आप को खुशी के रूप में देखें और अपने लिए परमेश्वर का धन्यवाद करें। उसके बाद सभी उन लोगों का धन्यवाद करें जिन्होंने आपको बहुत कुछ सिखाया है जिसकी वजह से आप यहां पर पहुंचे हो।

      अपने मन को माफी से भरें, अपने मन को प्यार मोहब्बत इज्जत तारीफ से भरें, अपने मन को प्रेरणा और ताकत से भरें। अपने मन को बाइबल के वचनों के साथ भरें ताकि वह मुश्किल समय में आपके साथ रह सकें और आपकी अगवाई कर सकें।


उम्मीद है कि आपको यहां पर बहुत कुछ अच्छा और सकारात्मक सीखने को मिला होगा ताकि आप अपनी जिंदगी में सकारात्मक क्रांति ला सकें। मैं उम्मीद करता हूं कि इसको जानने के और सीखने के बाद आप अपने मन को बदलना सीखे और परमेश्वर भी आपके मन को बदले। जब आप बाइबल के शब्द को पढ़ोगे तो परमेश्वर सचमुच में ही आपके मन को छू लेगा और बदलेगा। 















 

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