Bible about Law of Attraction Hindi (Powerful Bible Verses Help you to link with Universe) 


Hey Man of God! In this article, I’ve put together 10+ Bible Words that are in line with the principles of the law of attraction.

       Whether you are religious or not I’m sure you’ll find these quotes interesting in how they tie in with the teachings of the law of attraction

       These bible quotes may use dated language but you can see how what was being taught in the bible is relevant to manifesting in todays day and age. These Bible words Links your mind in positive way with this Universe. Anyway, let’s not waste any more time, let’s get stuck in!


Bible about Law of Attraction आकर्षण के सिद्धांत
Bible about Law of Attraction- Hindi Bible verses



Bible verses about Law of Attraction (Hindi)


1. वह सब कुछ जो आप विश्वास के साथ प्रार्थना से मांगते हो आप उसे जरूर पाओगे ( मत्ति 21: 22)
        
         आकर्षण का सिद्धांत आपके लिए काम जरूर करेगा। बाइबल के अनुसार जो कुछ आप विश्वास के साथ मांगोगे और उसके लिए आप खुद अपने मुंह से परमेश्वर को बोलोगे कि आपको कौन सी चीज की जरूरत है, तो वह चीज आपको निश्चय ही मिलेगी। अगर आपकी नियत और आपका विश्वास पूरा है और सच्चा है, तो आपको उस इंसान तक या उस चीज तक मिलने से कोई नहीं रोक सकता। 

       आप जो चाहते हो वह निश्चय ही पाओगे क्योंकि परमेश्वर आपकी आवाज को सुनता है और वह हमें उत्तर भी देता है। और तब हम कितने भाग्यशाली होंगे जब हम परमेश्वर के उत्तर को अपने कानों में सुनेंगे। इसलिए सिर्फ आपके बोलने से ही आपका आकर्षण शुरू हो सकता है। अगर आप नहीं बोलोगे तो कुछ भी शुरू नहीं होगा और ना ही आप किसी चीज को आकर्षित कर सकते हो।

      इसलिए हमें जरूरत है अपनी इच्छा को खुद ना पूरी करें बल्कि परमेश्वर के हाथ में दे तो वह आपकी इच्छा को पूरा करेगा। और आप सब कुछ जो आप विश्वास के साथ प्रार्थना में मांगोगे वह निश्चय आपको मिलेगा ही मिलेगा।



2. मांगो तो आपको दिया जाएगा, ढूंढो तो आपको मिलेगा, खटखटाओ तो आपके लिए खोला जाएगा। क्योंकि हर एक जो मांगता है वह पाता है, जो ढूंढता है उसको मिलता है और जो खटखटाता है उसके लिए खोला जाता है। (मत्ति 7:7) - 


         आकर्षण का सबसे पहला सिद्धांत यही है कि आप को मांगने की जरूरत है। जो चीज आप पाना चाहते हो उसे बार-बार मांगना शुरू कर दो। जब आप उस चीज को बार बार दौर आओगे तो वह आपके मन में उतर जाएगी। और आपका अवचेतन मन उसे स्वीकार कर लेगा। जब आपके अवचेतन मन ने उसे स्वीकार कर लिया तो आपके अवचेतन मन की शक्ति इतनी बड़ी है कि वह कुछ भी कर सकता है ‌‌‌। 

       तू आपका अवचेतन मन आपके मांगने से ही काम करता है। क्योंकि जो मांगता है परमेश्वर उसी को ही देता है और हम जिस से मांग रहे हैं वह परमेश्वर ही है जिसको हम कुदरत कहते हैं। इस सब कुदरत को परमेश्वर ने ही अपने अद्भुत विचारों और तकनीकों से बनाया है ताकि वह हमें हमारी जिंदगी की हर एक अनमोल चीज दे सके जिसकी हमें जरूरत है। क्योंकि हम भी अनमोल हैं और परमेश्वर जो हमें देना चाहता है वह भी अनमोल है। जो खुद उस परमेश्वर का ही है।

       जब आप परमेश्वर को ढूंढना शुरू करोगे तो आप उसे दुनिया में नहीं ढूंढ सकते मतलब कि आप उसे भौतिक दुनिया में नहीं ढूंढ पाओगे क्योंकि वह एक आत्मा है। और इसलिए कि वह एक विशाल आत्मा है तो उसका संबंध आत्मा के साथ ही होता है मतलब की परमेश्वर की आत्मा हमारी आत्मा के साथ लिंक होती है। इसीलिए हम कहते हैं कि परमेश्वर हमारे अंदर हैं क्योंकि परमेश्वर का आत्मा हमारे आत्मा के साथ जुड़ा हुआ है।

        परमेश्वर की सोच हमारे मन में और हमारे दिल में बसी हुई है जो हमें असली राह दिखाती है। इसलिए जब आप किसी चीज की चाहत में हैं तो उसे ढूंढना शुरू करें जो आपके मन में होगा वही आप अपने आसपास ढूंढोगे और वही आपको मिलेगा। लेकिन अगर आपके मन में गलत और गंदे विचार हैं जो आपको नकारात्मक बनाते हैं तो आप आकर्षण के सिद्धांत के मुताबिक सिर्फ नकारात्मक और गंदे विचार ही अपनी और आकर्षित कर रहे हो।

      इसलिए कुछ चाहने से पहले या मांगने से या ढूंढने से पहले अपने मन को साफ करना जरूरी है। आपका मन सिर्फ आपके चेतन मन से ही साफ हो सकता है मतलब की जब आप बोलोगे अपने आप को तभी वह साफ हो सकता है। 

       मन को साफ करने के लिए आपको रोज Affirmations पढ़ने होंगी और रोज Hamare Articles  भी पढ़ सकते हैं और हमारी यूट्यूब चैनल पर Videos भी देख सकते हैं। 


       जिस राह पर आप चलते हो उसी राह पर आपको दिशा मिलती जाती है और को पता नहीं होता कि वह रहा सही है या गलत है और आप उसको सही समझ कर उस रास्ते पर चलकर जाते हो। इसीलिए बाइबल इस सिद्धांत के बारे में यही बताती है कि जब आप खटखाओगे तो आपके लिए वही रास्ते खोले जाएंगे। जिन रास्तों पर आप चलते हो आपको उसका परिणाम वही मिलेगा।

     इसलिए परमेश्वर का वचन आपको समझा रहा है कि आकर्षण का सिद्धांत यही है कि आप जो सच्चे दिल से मांग रहे हो आपको मिलेगा जरूर, जो चाहते हो, जो ढूंढते हो, जब खटखटाते हो तब आपके लिए जरूर खोला जाएगा।


3. अगर आप कर सकते हो तो, विश्वास करने वालों के लिए सब कुछ हो सकता है (मरकुस 9:23


         विश्वास करने वालों के लिए सब कुछ हो सकता है लेकिन अगर आपका विश्वास ही नहीं है तो आपके लिए कुछ भी असंभव है। विश्वास के बिना आपके अंदर सिर्फ शक की भावना ही पैदा होती है। जो आपके अंदर नकारात्मक भावना पैदा करती है। अगर आपका विश्वास है कि मैं जो चाह रहा हूं बिना शक मुझे मिलेगा तो वह आपको निश्चय ही मिलेगा। 


       अगर आपको उस चीज के प्रति या उस इंसान के प्रति जिसको आप आकर्षित कर रहे हो, अगर उसके प्रति आपके मन में शक की भावना है कि मुझे मिलेगा भी या नहीं मिलेगा, मेरे साथ होगा या नहीं होगा, तो आप हमेशा असफल ही रहेंगे। आपके लिए आकर्षण का सिद्धांत काम नहीं कर सकता। क्योंकि आकर्षण का सिद्धांत सिर्फ सकारात्मक सोच के साथ ही काम करता है। दरअसल आकर्षण का सिद्धांत परमेश्वर का ही एक कानून है। जो हमें बहुत बार बाइबिल में भी पढ़ने को मिलता है। 



4. जैसे आपके मन के विचार हैं, वैसे ही आप बनते हो (नीति वचन 23: 7) - 


      लिखा है कि जैसे विचार आपके मन में चल रहे हैं, वह विचारों से ही आप महसूस कर पाते हो, और जो आप महसूस करते हो उसी से ही आपके नए विचार बनते हैं, आपके नए विचार आपकी आदतों को जन्म देते हैं, और आपकी आदतें आपके दिन को बनाती हैं। और आपका आज का दिन ही आपके भविष्य का निर्माण करता है। मतलब की एक कड़ी शुरू कहां से होती है, मैं आपके विचारों से ही शुरू होती है। 


     जैसे विचार आप अपने मन में रखते हैं अच्छे या बुरे आप उसी प्रकार के विचारों को अपनी और आकर्षित करते हैं। क्योंकि आप इसको मानो या ना मानो, आकर्षण का सिद्धांत मतलब परमेश्वर का कानून सभी पर लागू होता है। चाहे आप अपने आप को धार्मिक यहां किसी भी धर्म से मानते हो। परमेश्वर को इस बात से कोई मतलब नहीं है कि आप कौन से धर्म से हो। 

      क्योंकि परमेश्वर के लिए सब इंसान एक समान है और वह किसी के साथ भेदभाव नहीं करता। आपके विचारों ने ही आज तक आपको बनाया हुआ है। क्योंकि आदमी के विचार ही उसको बनाते हैं और उसके विचार ही उसको खत्म भी करते हैं। ऐसे ही आकर्षण का सिद्धांत आपके लिए काम करता है।

      अगर आप अपने मुंह से परमेश्वर का इकरार करती हो तो आप अपनी जिंदगी को बना लेते हो।लेकिन अगर आपने परमेश्वर को नहीं जाना और अपने मुंह से और अपने मन से परमेश्वर को स्वीकार नहीं किया तो आप सिर्फ इस दुनिया के मात्र ही रह जाते हो।

       कुछ नया पानी के लिए या जो आप कहना चाहते हो उसको पाने के लिए आपको दुनिया के अनुसार नहीं चलना पड़ेगा, आपको परमेश्वर के अनुसार चलना पड़ेगा। क्योंकि आकर्षण का सिद्धांत भी परमेश्वर ने बनाया है ना की किसी इंसान ने और ना किसी विज्ञान ने। 

       जो हुक्म परमेश्वर ने आपको दिए हैं उनको पूरा करना सबसे पहले और बहुत सारा जरूरी है। इसलिए अपने विचारों को शुद्ध करो और परमेश्वर के अधीन हो तो आपको सब कुछ मिलेगा जिस चीज की आप कामना करते हो। क्योंकि परमेश्वर सब कुछ जानता है कि आपको किस चीज की जरूरत है। बस वह सही समय आने पर आपको देता है। और सही समय कभी आता नहीं उसको लाना पड़ता है और वह सही समय परमेश्वर नहीं आप खुद अपनी जिंदगी में ला सकते हो।

     इसलिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि अपने मन के विचारों को बदलो तो आपकी जिंदगी बदल जाएगी। जिस दिन आपने अपने मन पर नियंत्रण पाना सीख लिया तो आप पूरी दुनिया को कंट्रोल कर सकते हो मतलब कि अपनी दुनिया को कंट्रोल कर सकते हो कि कैसे करना है कैसे चलना है। जब आप अपने हिसाब से अपने विचारों को चलाओगे अपने मन को अपने हिसाब से चलाओगे तभी आप सही दिशा में जा पाओगे। 


     अगर आप अपने मन की बातों में फस गए तो आप हमेशा भटक जाओगे क्योंकि मन पहले से ही भटका हुआ है। अपने मन को लाइन पर लाने के लिए सबसे ज्यादा जोर आपको ही लगाना पड़ेगा।

       इसलिए परमेश्वर को कहो कि वह आपके मन को बदले और वह आपको उत्तर देगा जिससे कि आपका मन बदलेगा, आपके लिए यह जरूरी है कि आप हर रोज बाइबल को जरूर पढ़ें। और बाइबिल के ही वचनों में लीन रहे और उसी में खोए रहे। परमेश्वर के वचन के ऊपर ध्यान करो।


5. इस दुनिया के जैसे मत बनो, अपने मन के नए होने के कारण उसको बदलो और परमेश्वर की इच्छा को जानो ( रोमियो 12:2) - 


     आपको जो मांगना है वह ऐसे मांगना है जैसे परमेश्वर चाहता है, और परमेश्वर चाहता है कि आप उसके अधीन हो और जैसे यह दुनिया है उसके जैसे मत बनो। अपने आप को और अपने मन को दुनिया से अलग रखो और परमेश्वर से जुड़े रहो।

     जैसे दुनिया मांगती है वैसे नहीं मांगना है, क्योंकि बहुत लोग सिर्फ दिखावे के लिए करते हैं या अपने मतलब के लिए मांगते हैं और उनको मिलने के बाद वह परमेश्वर को भूल जाते हैं। लेकिन हमें परमेश्वर को भूलना नहीं है क्योंकि उसने ही हमें नई जिंदगी दी है। उसकी बातें आकर्षण के सिद्धांत के अनुसार हमारी जिंदगी में काम करती हैं।

      उस परमेश्वर ने ही हमारे मन को बदला है ताकि हम कुछ भी जो विश्वास के साथ प्रार्थना में हम परमेश्वर से मांगेंगे, और जब हम उस चीज को पाने के काबिल बन गए तो परमेश्वर हमें जरूर देगा। जो परमेश्वर ने आपके मन को नया किया है और हमें जरूरत है कि हमें अब रोज अपने मन को अपडेट करने की जरूरत है। अपनी नए मन को नए स्वरूप में बदलो। 

       अपनी मर्जी के अनुसार मत चलो कि जो आप मांग रहे हो वही आपको मिले। इसे पहले जो परमेश्वर मांग रहा है उसको पूरा करने की जरूरत है। कुछ पाने के लिए कुछ दिनों तो पड़ता ही है इसलिए अगर आप कुछ चाहते हो तो आपको भी देना ही पड़ेगा। इसलिए सिर्फ परमेश्वर आपके धन्यवाद का बलिदान चाहता है। और वह चाहता है कि आप उसके साथ प्रार्थना ने हमेशा लीन रहो। तभी जो आप चाहते हो आपको मिलेगा जब आप परमेश्वर की मांग को पूरा करोगे।

      अपने मन को परमेश्वर में तगड़ा करो ताकि वह आपको हर प्रकार की बुराई से बचाए और आपके मन को सुरक्षित करें ताकि आपको उसके स्वर्ग राज्य के लिए जगह मिल सके। 


6. जैसा आपका विश्वास वैसा आपके साथ होगा (मत्ती 9:29) - 


    जैसा आपके दिल में किसी चीज के प्रति विश्वास पक्का है तो वह चीज आपकी है, वह इंसान आपका है। क्योंकि जो चीज आपके मन में बैठ जाती है वही आपका विश्वास बन जाती है। विश्वास के अंदर एक उम्मीद होती है कि यह चीज हमको मिलेगी और हमारी ही है।

     तो विश्वास करना जरूरी है जो परमेश्वर का वचन हमें सिखाता है कि जैसा आपका विश्वास है, जितना बड़ा आपका विश्वास है उतना ही आपको मिलेगा। जो आप विश्वास करोगे आकर्षण के सिद्धांत के अनुसार आपको वही मिलेगा।


7. दो तो दिया जाएगा, जिस माप से आप मापते  हो उसी के साथ ही आपको भी मापा जाएगा (लूका 6:38) - 


       कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है मतलब कुछ पाने के लिए कुछ देना तो पड़ता ही है और जो आप देते हो आपको भी दिया जाएगा, यही हमें परमेश्वर का वचन कहता है कि दो तो दिया जाएगा। जो आप किसी को बुरी चीज देते हो तो उसके बदले में आपको भी बुरी ही मिलेगी, अगर आप अच्छी चीज देते हो तो आपको भी अच्छी ही मिलेगी।

       क्योंकि जैसे आप इंसानों को देखते हो वह भी आपको उसी आंख से ही देखेगा। अगर आप किसी के लिए घृणा करती हो तो वह सबसे पहले आपके अंदर से ही निकली है और आपको ही वापस मिलेगी। अगर आप अपने भाई बंधुओं से और उनकी धन दौलत से जलते हो तो वह जलन आप को ही राख कर देगी। 

        जिस माप से आप मापते हैं उसी से आप को मापा जाएगा, और जो आप देते हो वही आपको मिलेगा। और इसी सिद्धांत पर आप किसी चीज को आकर्षित कर रहे हो। चाहे वह आपको मालूम है या नहीं लेकिन आकर्षण का सिद्धांत आपके विचारों के इंसान अपना काम कर रहा है। 

       इसका हल बस यही है कि अगर आप भी लोगों को प्यार बांटना शुरु कर दोगे तो उसके बदले में आपको जितना प्यार मिलेगा उसका आपको अंदाजा भी नहीं होगा। आप शुरुआत कर दो अच्छी चीजें बांटने की जो आपको परमेश्वर की ओर से मिली है। जब आप लोगों के साथ उन बातों को बांटोगे तो वह परमेश्वर आपको बहुत ही सुंदर फल देगा। इसलिए हमेशा हर एक इंसान के साथ अच्छा बर्ताव करो। 



8. इंसान जो बीजता है वही काटता है (गलातियो 6:7) - 


        इंसान जो सोचता है वही पाता है इसी का एक उदाहरण है कि जब हम जो भी बीज धरती में बीजते हैं उसी बीज का फल हमें मिलता है। और जो हमने बीजा होता है, वही उगता है और हमें फल मिलता है, अब इसका सीधा संबंध आकर्षण के सिद्धांत के साथ भी है कि जैसे हमारा विश्वास है, और जितनी मेहनत हम कर रहे हैं उसी का परिणाम हमें उतना ही मिलेगा। अगर हम ज्यादा मेहनत करना शुरू कर दें तो हमारा फल भी बड़ा होगा।

       इसलिए वह चीज सोच समझकर ही बीजो, जिसका परिणाम आप को सुंदर और खूबसूरत फल में मिले। परमेश्वर मजाक नहीं करता, वह बहुत ही गंभीर हो जाता है जब वह आपकी परीक्षा लेता है,आप अपनी परीक्षा में बार बार फिर हो सकते हो और बार-बार ही नीचे गिर सकते हो। लेकिन अगर आपने हौसला छोड़ दिया तो मतलब परमेश्वर को ही छोड़ दिया। लेकिन जब तक आप गिरने से नहीं करोगे तब तक परमेश्वर आपको सहारा देता जाएगा और आपको 1 दिन ऐसा ताज पहनाएगा जिसको आप पाना चाहते थे। तब आकर्षण का सिद्धांत आपकी जिंदगी में काम करेगा।


          इसलिए अच्छा बोते हो तो अच्छा ही मिलेगा, अगर बुरा करोगे तो बुरा ही मिलेगा। क्योंकि परमेश्वर ने जो कानून हमारे लिए बनाए हैं अगर हम उसके अलावा दूसरे शैतानी कानूनों को मानेंगे तो परमेश्वर की सजा हमारे लिए हाजिर है।



9. विश्वास आशा की हुई वस्तुओं का निश्चय और अनदेखी वस्तुओं का परिणाम है - 


          जो चीजें आज हमारे पास हैं और जिनको हमने विश्वास के साथ पाया है वह विश्वास के साथ आशा की हुई वस्तुओं का ही निर्णय है। और जो वस्तुएं हम अभी आना चाहते हैं मतलब कि जो अनदेखी वस्तुएं हैं उनका परिणाम हमारे विश्वास और हमारी उम्मीद के अंदर है।

       क्योंकि किसी चीज पर जो आपको दिखती है उस पर आप संपूर्ण विश्वास करते हो लेकिन जो अनदेखी वस्तु है जो आप आकर्षण के अनुसार पाना चाहते हो उस पर विश्वास करने के लिए आपको उम्मीद को बढ़ाना पड़ेगा। आपका विश्वास ही आपकी उम्मीद को बढ़ाएगा और आपको उस कदर ले जाएगा जहां आप उस वस्तु को पा लोगे और वह वस्तु आपकी हो जाएगी और आप उस वस्तु के हो जाओगे चाहे वह कोई चीज हो या कोई इंसान हो।

         किसी चीज को पाने से पहले आपको खुद को अपने आप को सबसे पहले पाना जरूरी है। अपने आप को पाना मतलब अपने मन को परमेश्वर की तरफ मोड़ना जोकि भटक चुका था। आपके मन के भटकने से आप भी भटक गए थे लेकिन अब मसीह के प्रेम से आप इकट्ठे हुए हो। 

        जब आपने अपने आप को पा लिया तो समझो कि परमेश्वर को पा लिया। क्योंकि परमेश्वर आपके अंदर है और वह आपको अपने अंदर जाने से ही मिलेगा।

        "अगर रब से कुछ मांगना है तो रब को ही मांग लो, क्योंकि जब रब मिल जाएगा तो सब मिल जाएगा। " इसलिए इस बात को कभी भी नजर अंदाज मत करें और आकर्षण का सिद्धांत हरे के लिए काम करता है।

Thanks you and God bless you and all your family and friends. Be all always happy and enjoy every moment of your life.

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