अपने मन को बदले तो आप की दुनिया बदल जाएगी
जिंदगी का सारा खेल आपके मन से ही है जिस दिन आपने अपने मन को जीत लिया तो आपने दुनिया को जीत लिया। इस में आप अपने मन को बदलने के बारे में बहुत कुछ विस्तार में पड़ेंगे। जिसमें कि आखिर मन क्या होता है, यह काम कैसे करता है और कितने तरह का होता है। कैसे आप अपने मन को बदल सकते हैं क्योंकि जब आपका मन आपकी सोच बदल जाएगी तब आपकी जिंदगी और आपके काम बदल जाएंगे और आपकी जिंदगी में चमत्कार होने से कोई नहीं रोक सकता।
जब आप इन आदतों को जो आप आगे पड़ेंगे अगर आप इन्हें रोज अपनी जिंदगी में अपनाते हैं तो निश्चय आप रिजल्ट बहुत जल्द देखेंगे। क्योंकि आपकी जिंदगी कैसी भी है अच्छी है या बुरी है आप अपने बारे में क्या सोचते हैं यह सबसे पहले आपके मन से ही कंट्रोल होता है। आप अपने आप को कैसा दिखते हैं आप दूसरों को किस नजर से देखते हैं यह निर्भर करता है कि आपके मन में अब तक क्या भरा हुआ है अच्छी बातें या सिर्फ बुरी बातें।
अगर आप सचमुच में हैं अपनी लाइफ को बदलना चाहते हैं तो कोई और नहीं है जो आप को बदल सके। सिर्फ और सिर्फ एक इंसान ही है जो आप को बदल सकता है जो आपके कामों को जो आप रोज करते हैं उन्हें बदल सकता है। वह खुद आप है, हां आप, आप ही हैं जो अपने आप को बदल सकते हैं लेकिन जब आप तैयार हो तभी आप अपने आप को बदल सकते हैं नहीं तो आप जितना भी मोटिवेट हो जाए कोई फायदा नहीं होगा। अगर आप भी एक सुकून भरी जिंदगी जीना चाहते हैं तभी आप इन बातों को अपनी जिंदगी में चमत्कार के रूप में देखेंगे नहीं तो आप भी एक साधारण इंसान की तरह ही रह जाएंगे और इस संसार की बातों में ही खुशी को ढूंढेंगे और वह आपको नहीं मिलेगी।
क्योंकि शुरू से ही हमारे साथ ऐसे बहुत सारे हादसे हुए हैं जिन्होंने हमारे चेतन और अवचेतन मन को बहुत ज्यादा प्रभावित किया है। जिससे कि हमारे अवचेतन मन में नकारात्मक सोच के अलावा और कुछ भी नहीं रहा। शुरू से ही या कह सकते हैं कि बचपन से ही हम बहुत सारे दुखों का शिकार हो जाते हैं और नकारात्मकता के जाल में फँस जाते हैं।
हम सबको हमारे समाज के अंदर अच्छी बातें तो सिखाई जाती हैं और हमें कहा जाता है कि यह करना चाहिए और यह नहीं करना चाहिए। लोग हमको बताते हैं हमारे मां-बाप, अध्यापक, दोस्त और रिश्तेदार इत्यादि हमें अच्छी और बुरी बातें बताते हैं और हमें हमेशा पढ़ने की और या अच्छे काम करने की सलाह देते हैं लेकिन वह हमें सिर्फ सलाह ही दे सकते हैं। लेकिन उस काम को करना कैसी है मतलब अच्छे काम करने कैसे हैं शुरू कैसे करें यह हमको नहीं बताया जाता और ना ही हम इस पर ध्यान देते हैं और हम उनकी बातों को नकार देते हैं और अपनी मर्ज़ी में हम फँस जाते हैं। इसलिए क्योंकि हम अपनी मर्ज़ी करते हैं तो हमें पता नहीं होता कि सही क्या है और गलत क्या है।
इसलिए अगर आपकी भी ऐसी ही स्थिति है, आप भी बहुत सारे दुखों का शिकार हैं। और शैतान के जाल में फँस चुके हैं तो आपको इसमें से बाहर निकलने के लिए सिर्फ और सिर्फ सबसे पहला कदम जो अपने मन को बदलना पड़ेगा। अपनी सोच को बदलना पड़ेगा।
जिस वक्त आप ने अपने मन को समझ लिया, आपका मन क्या होता है, वह कैसे काम करता है और कैसे हम उसको अपने नियंत्रण में कर सकते हैं। तो आप उस वक्त अपनी जिंदगी को जीत लेंगे अपने दुनिया को जीत लेंगे और जो आप कहोगे वह आपका मन करेगा। हम सब पहले अपने मन के हिसाब से चलते हैं, जैसे हमारा मन हमें कहता है हम वह करते हैं क्योंकि मन वही काम करता है जो उसको आसान लगता है।
आपका मन काम कैसे करता है
आपके मन में जितनी भी बातें और जिस तरह की बातें अब तक हैं मतलब कि जो कुछ आज तक आपने देखा है सुना है समझा है और उसे स्वीकार किया है उन्हें सिद्धांतों पर आपका मन काम करता है। पर लेकिन आपका जो मन है वह आपका दुश्मन नहीं है वह आपका सबसे बड़ा दोस्त है। क्योंकि आपका मन आपको हमेशा खुश देखना चाहता है वह सिर्फ यही चाहता है कि आप हमेशा अच्छे से अच्छा अनुभव करें। इसलिए वह आपको हर एक उन कामों के लिए उत्तेजित करता है जिनसे आपको खुशी मिलती है। लेकिन आपके मन को इस बात का पता नहीं है कि वह काम सही है या गलत है मतलब की उस काम को करने पर आपको क्या नुकसान होगा और क्या लाभ होगा। इस बात का पता आपके चेतन मन को तो है लेकिन आपके अवचेतन मन को इस बात का पता नहीं है इसलिए आप अपने अवचेतन मन के अनुसार ही काम करते हैं।
जो आप अपने मन को कहोगे वह जरूर करेगा। जिस चीज पर या जिस इंसान पर आपका विश्वास बन जाता है तो आपका मन आपके विश्वास के अनुसार ही काम करता है और आपको नतीजे दिखाता है।
जैसा आपका विश्वास होगा वैसी चीजें ही आप अपनी और आकर्षित कर पाएंगे। इसलिए यह बात तो बिल्कुल साफ है कि अगर आप बुरा सोचते हैं तो आप बुरा ही पाएंगे और अगर आप मन में अच्छा सोचते हैं तो आप अच्छा ही पाएंगे और आपके साथ हमेशा अच्छा ही होगा। बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो अपने बारे में सिर्फ बुरा ही सोचते हैं, अपने आप को कमजोर समझते हैं, दूसरे लोगों के साथ अपने आप को कंपेयर करते हैं। तो उनके साथ होता भी ऐसा ही है उनको हमेशा दुख और दर्द ही मिलता है और उनका यह विश्वास कि वह कमजोर है उन्हें और भी कमजोर बनाता जाता है।
हमें असली ज्ञान के बारे में पता नहीं होता जिससे कि हम अपनी जिंदगी में भटक जाते हैं और वह काम करते हैं जो हमें नहीं करनी चाहिए थी। परमेश्वर मारी जिंदगी यों ने वह काम चाहता है।
सिर्फ एक समझ, एक बुद्धि, एक ज्ञान ही है जो आपको असली जीवन दिखा सकता है। सिर्फ एक परमेश्वर और उसकी बातें ही है मतलब कि सिर्फ पॉजिटिव बातें ही हैं जो आपको असली जिंदगी की ओर ले कर जाती हैं और आप का असल मकसद क्या है उसे वह दिखाती हैं।
जब परमेश्वर का असली ज्ञान आपके मन में आएगा तो आपका मन बदलेगा जैसे उसने मेरे लिए भी एक रास्ता बनाया। उसने अपने पुत्र यीशु मसीह को मेरे लिए भेजा और यीशु ने मुझे बदलने के लिए और अपनी परस्तिष के लिए मेरी जिंदगी में एक बहुत ही बढ़िया रास्ता बनाया जिससे कि आज हम उसकी महिमा करने में जुटे हुए हैं। अगर परमेश्वर चाहे तो वह वह रास्ता किसी के भी जिंदगी में बना सकता है बस जरूरत है अपने आप को तैयार करने की, आपको सिर्फ विश्वास करना है चाहे थोड़ा और चाहे बहुत जितना आपका किसी भी चीज पर विश्वास होगा आपको वह चीज इतनी जल्दी मिलेगी और ज़रूर मिलेगी।
जो आप सोचोगे वही आपको मिलेगा
जो आप सोचते हो चाहे वह सही हो या गलत, उसी को ही आप प्राप्त करोगे। जो आपके मन में चल रहा है, आपका मन उसी सोच को कार्य में बदलता है। अब आप यह जान लो कि अगर आपकी एक काम बुरे हैं, आप अपने बारे में गलत सोचते हो या किसी दूसरे के बारे में गलत सोचते हो, किसी से नफरत करते हो, किसी से धोखा करते हो, परमेश्वर से धोखा करते हो, और जो कुछ भी नकारात्मक काम आप करते हो वह सब कुछ वापस आपके पास ही आता है, क्योंकि यहां पर आकर्षण का सिद्धांत काम करता है की जैसी आपकी सोच है उसी का नतीजा आपको मिलेगा।
जब आप किसी के बारे में गलत सोचते हो पर आप जिसके बारे में सोच रहे हो अगर वह आपके बारे में गलत ना सोच रहा हो, तो यहां पर देखो की सबसे पहले गलत बात किस के मन में आई है। वह आपके मन में आई है, इसलिए अब आप समझ गए होंगे कि कैसे आप का मन काम करता है जैसी चीजें आपके मन में है आपकी फीलिंग भी वैसी ही होंगी, और आपकी सोच भी वैसी ही होगी, आपकी आदतें भी वैसी योगी और आपका जीवन भी वैसा ही होगा।
आपका मन आपका सबसे बड़ा दोस्त है पर लेकिन अगर आपके मन में सिर्फ गलत विचार ही हैं तो आपका मन आपका सबसे बड़ा दुश्मन बन सकता है। सिर्फ एक नकारात्मक विचार लाखों ही गलत कामों को जन्म देता है। जैसे विचार, जैसी फीलिंग आपके मन में दूसरों के प्रति हैं वह सब कुछ आपके पास वापस आता है क्योंकि वह आपके ही मन से निकला है और वह आपको ही प्रभावित करेगा।
परमेश्वर आपके मन को बदलता है
जैसे विचार आपके मन में हैं इसका मतलब आपने अभी तक वही सब कुछ सीखा है, और आपने सच्चाई को नहीं जाना है। परमेश्वर का वचन क्या कहता है इसका पता हमें तभी चलेगा जब हम पढ़ेंगे और जब हम सीखेंगे। अगर आप एक नकारात्मक सोच रखने वाले इंसान हैं और आप कुछ अच्छी चीजों की मांग कर रहे हैं। मतलब कि परमेश्वर से कुछ अच्छा मांग रहे हैं तो वह तब तक आप को नहीं मिलेगा जब तक कि आपका मन साफ ना हो जाए, जब तक कि कचरा आपके मन से ना निकल जाए। आकर्षण का सिद्धांत सकारात्मक फिलिंग्स और दृश्य पर काम करता है।
कोई भी इंसान कमजोर नहीं होता बस उसकी सोच और उसका मन ही कमजोर होता है। और वह कमजोर बनाया भी हमने ही होता है। हमारे समाज से हमें बहुत सारे नकारात्मक विचार जैसे डर, कामना, गुस्सा, ईर्ष्या, वैर विरोध, इत्यादि मिलते हैं। जिससे कि हम अपने आप को कमजोर बना लेते हैं अगर हम इन्हीं बातों को निकाल के अच्छी बातों को अपने अंदर डालने की मैं कमजोर नहीं हूं, मुझे किसी का कोई खौफ नहीं है, कोई इंसान मुझे दबा नहीं सकता, मैं सब से प्यार करता हूं, मैं किसी से भी गुस्सा नहीं करता, मुझे परमेश्वर ने अपने कामों के लिए चुना है। अगर आपके मन में ऐसे विचार आ जाएं तो आप ताकतवर बन जाते हैं। यहां पर फर्क सिर्फ आपकी सोच का ही है की कैसी सोच आप रखते हैं- सकारात्मक या नकारात्मक।
जब हम अपने बारे में गलत सोचते हैं कि मैं कमजोर हूं, मैं बहुत गरीब हूं, मेरे पास अच्छा धन दौलत नहीं है, या मैं यह काम नहीं कर सकता, मेरे लिए यह काम करना बहुत कठिन है। तू ऐसा सोचने से आप हमेशा ही गरीब और कमजोर रहोगे और आप हमेशा ही बीमार और मुश्किलों में पड़े रहोगे। इनसे ही आप दूसरे रहोगे और ऐसे ही आप मर जाओगे। असली जिंदगी क्या होती है आपको पता ही नहीं चलेगा। आपकी मुश्किल है कि आप को दबा लेंगे और आप का नाश कर देंगी।
आपने जब एक विश्वास अपने मन में बना लिया तो आपका मन वैसे ही काम करता है। क्योंकि गरीब इस इंसान नहीं होता, गरीब और छोटी उसकी सोच होती है। इसलिए इसका एकमात्र हाल यही है की आप हमेशा अच्छा देखना शुरु कर दें, अपने आप को अच्छा बोलें, अच्छा सुने और देखें, तो जरूर ही आपका मन बदल जाएगा और जब आपका मन बदल गया तो आपका जीवन बदल जाएगा।
इसलिए अपने मन को सबसे पहले बदलना सबसे ज्यादा जरूरी है क्योंकि बाइबल भी हमें इस बात को बता दी है नीति वचन 4:23 सबसे ज्यादा अपने मन की रक्षा करो क्योंकि जिंदगी का मूल स्रोत यही है। मन की रक्षा करना मतलब कि कैसे विचार आपके मन में आ रहे हैं उनको जांच ना क्योंकि आपके विचारों ने ही आपको बनाए रखा है। और यही आपकी जिंदगी का मूल है। अगर किसी इमारत की नींव कमजोर होगी तो वह इमारत जल्दी ही गिर जाएगी लेकिन अगर उसकी नींव मजबूत हो तो वह इमारत भी मजबूत होती है। वैसे ही आपके मन के विचार हैं अगर वह कच्चे और कमजोर हैं तो आप जल्द ही गिर जाओगे लेकिन अगर आपके विचार मजबूत हैं तो वह आपको भी मजबूत बना देंगे।
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